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संधिवात की वृद्धी रोखने के लिए निवारक उपाय

कुछ प्रकार के संधिवात (गठिया), जैसे कि ऑस्टियोआर्थराइटिस, संधिशोथ जोड़ों को प्रभावित करने वाला जीर्ण विकार हैं. इन्हें स्व – प्रतिरक्षित विकार कहा जा सकता है, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पर भूल से आक्रमण करता है. सामान्यत:, पैंतालीस वर्ष से अधिक आयु मे, इस विकार से ग्रस्त होने की संभावना अधिक होती हैं. संधिवात की वृद्धी रोखने के कई उपाय है.

गठिया का उपाय

गठिया का उपाय इसके प्रकार तथा गंभीरता पर निर्भर करता है. रोग कुछ महीनों से लेकर कई वर्षों तक रह सकता है.कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि गठिया का संपूर्ण उपचार उपलब्ध नहीं है. उपलब्ध दवाएं सामान्यत: रोग के कारण होने वाले मुद्दों को बढ़ने मेंबाधा के स्वरूप कार्य करती हैं तथा जोड़ों की पीडा की गंभीरता को घटाने में सहाय्यकारी होती हैं.

चूंकि कोई ठोस उपाय नहीं है, इसलिए गठिया के कारण होने वालीपीडा को सीमित करने के लिए कुछ चीजों का हमारे दैनिक गतिविधियों मेंसमावेश करना आवश्यक है.

प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम करे

प्रतिदिन व्यायाम करने से मांसपेशियों को कसने से आराम मिलता है. व्यायाम का प्रकार एवम अवधि हररोगी के लिए

भिन्न हो सकते हैं.आरंभिक अवस्था में,कम से कम बीस मिनट का व्यायाम एक उत्तम विकल्प हो सकता है. फिजियोथेरेपी भी एक प्रभावी उपाय हो सकता है.

स्वस्थ आहार

आहार में ताजे फल और सब्जियों कासमावेश करनाअत्यंत उपयुक्त हो सकता है. मछली और ब्लॅक कॉफी जैसे खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो संधिवात के रोगियों के लिए लाभदायक हो सकते हैं. ग्रील्ड, फ्राइड, बारबेक्यू मांसके सेवन से पूर्णत: दूर रहना चाहिए. ये पदार्थ रोगी के जोड़ों में सूजन तथाउससे होनेवाली पीडा को बढ़ा सकते हैं.

धूम्रपान से दूर रहे, मद्यपान से बचें

धूम्रपान और मदिरा के सेवन से गठिया के बढ़ने की संभावना अधिक होती है.अल्कोहोल के संपर्क में आने पर गठिया से संबंधित कुछ दवाएं, शरीर में अन्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं. इसलिए किसी भी रूप में मद्यपान करने से बचना चाहिए.

पर्याप्त विश्राम

संधिवात के रोगियों को पीडा कम करने के लिए पर्याप्त विश्राम की आवश्यकता होती है, किंतुविश्राम करते समय भी, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि जोड़ों को गतिशीलरहना चाहिए ताकि वो जखड न जाए.

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